बिहार भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे शिक्षा का राज्य कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि, यूपीएससी की परीक्षा में सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी बनने वाले छात्र बिहार के ही होते हैं. लेकिन आज हम आपको यूपीएससी की परीक्षा के बारे में नहीं बल्कि बिहार के एक युवक के बारे में बताएंगे, जिन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया है. जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. आज हम जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं. उस व्यक्ति का नाम कमल किशोर मंडल है, जो हाल ही में बिहार के भागलपुर में स्थित तिलकामांझी विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं.
तिलकामांझी विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद कमल किशोर मंडल खबरों में आ गए. वैसे तो असिस्टेंट प्रोफेसर हर साल कोई ना कोई व्यक्ति जरूर बनता है. लेकिन कमल किशोर मंडल के असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद यह बात खबरों में आ गई. इस बात के खबरों में आने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह थी कि, कमल किशोर मंडल जिस यूनिवर्सिटी में पहरेदारी का काम करते थे. उसी यूनिवर्सिटी के वह असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं.
कमल किशोर मंडल की कहानी फिल्मों की कहानी जैसी लगती है, लेकिन यह बात बिल्कुल सच है. मालूम हो कि कमल किशोर मंडल ने 17 साल तक तिलकामांझी विश्वविद्यालय में पहरेदारी का काम किया.लेकिन पहरेदारी के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. यही कारण है कि वह उसी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए. बिहार राज्य विवि सेवा आयोग के जरिए, उनकी नियुक्ति की गई है. असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद कमल किशोर काफी खुश है.
आपको बताते चलें कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद कमल किशोर नाथ ने मीडिया को एक इंटरव्यू दिया है. मीडिया को दिए इंटरव्यू में कमल किशोर नाथ का कहना है कि, उनके इस सफलता के पीछे उनके परिवार वालों का बड़ा हाथ है. यही नहीं बल्कि कॉलेज में भी उनका काफी साथ दिया है.