इंजीनियर कपल ने 5 लाख से शुरू किया क्राफ्ट बिसनेस , एक साल में 1 करोड़ टर्नओवर

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जयपुर के इंजीनियर कपल पूर्णिमा और चिन्मय ने अपनी नौकरी छोड़ पेपर और घास की टोकरियाँ बनाने की एक मरती हुई शिल्प कला को पुनर्जीवित किया और आज उनकी पहल ने राजस्थान के पांच गांवों की महिलाओं को रोजगार देकर सशक्त बनाया है।

‘मेक इन इंडिया’ से प्रेरित – मेक इन इंडिया के सपने से प्रेरित होकर जयपुर के एक इंजीनियर जोड़े ने शिल्प क्षेत्र में सफलता की यह कहानी लिखी है पूर्णिमा सिंह और उनके पति चिन्मय बंथिया ने कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी और गांवों की अकुशल महिलाओं को पपीयर माचे उत्पाद और घास की टोकरियाँ बनाने के लिए शुभम क्राफ्ट्स शुरू किया।

शुभम क्राफ्ट्स जिसे इन्होने 5 लाख रुपये के निवेश से शुरू किया था उसने इस साल 1 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। शुभम क्राफ्ट्स के ओनर पूर्णिमा और चिन्मय, दोनों ने NIT से इंजीनियरिंग की हैं पूर्णिमा ने जहां तीन साल पेट्रोफैक इंजीनियरिंग सर्विसेज में काम किया, वहीं चिन्मय ने म्यू-सिग्मा के लिए काम किया और आज दोनों अपने काम से बिलकुल अलग काम कर रहे है और लोगो को रोज़गार भी दे रहे है ।

जयपुर के युवा लोगो में मेक इन इंडिया की पहल लेकर काफी उत्साह देखने को मिला है सभी अपने प्रयासों से कुछ अलग करने का सपना देख उसे साकार भी कर रहे है अगर इसी तरह हमरा शहर आगे बढ़ता रहा तो उम्मीद है जयपुर एक बहुत ही प्रभावी शहर में आ जायेगा ।

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