नौकरी करते हुए करी यूपीएससी की तैयारी परीक्षा में हासिल हुई 129 रैंक, बन गई आईएएस

नौकरी करते हुए करी यूपीएससी की तैयारी परीक्षा में हासिल हुई 129 रैंक, बन गई आईएएस
Sarjana Yadav : यूपीएससी की परीक्षा में हर साल लाखों अभ्यर्थी अपनी किस्मत आजमाने बैठते हैं. किस्मत आजमाना हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि तमाम ऐसे अभ्यर्थी होते हैं. जो दिन रात किए गए संघर्ष की बदौलत भी इस परीक्षा में पास नहीं होते हैं. वहीं कुछ ऐसे व्यक्ति होते है. जो अपनी मेहनत के दम पर इस परीक्षा में सफलता हासिल कर भी लेते हैं. आज के इस पोस्ट में हम आपको आईएएस सर्जना यादव (Sarjana Yadav) के बारे में बताने वाले हैं. जिन्होंने साल 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी और सबसे जरूरी बात यह है कि उन्होंने किसी भी कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लिया था, बल्कि घर पर रहकर ही पढ़ाई की बदौलत यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुई थी. तो चलिए जानते हैं आईएएस सर्जना यादव के बारे में.

सेल्फ स्टडी के दम पर हासिल किया मुकाम

सर्जना यादव ने साल 2019 यूपीएससी परीक्षा में 126 वी रैंक हासिल की थी और इनको आईएएस का पद मिला था, लेकिन यहां सबसे जरूरी बात यह है कि सर्जना यादव ने तैयारी के दौरान किसी भी कोचिंग इंस्टिट्यूट का सहारा नहीं लिया था. बल्कि self-study के दम पर ही इन्होंने इस परीक्षा में बुलंदियों को छुआ था. परीक्षा में पास होने के बाद उन्होंने कहा था कि यह अभ्यर्थी पर निर्भर करता है.

वह किस तरह की रणनीति बनाकर पढ़ाई करता है. मैंने बिना कोचिंग के ही यह परीक्षा पास की है. बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं. जो कोचिंग करने के बावजूद भी परीक्षा में असफल हो जाते हैं. मेरा मानना है कोचिंग से जरूरी हमें अपनी रणनीति बनानी चाहिए. आगे ये कहती हैं कि अगर किसी को क्लास का माहौल ज्यादा अच्छा लगता है, तो वह कोचिंग ज्वाइन करके भी इस परीक्षा के लिए तैयारी कर सकता है.

पहले दो प्रयास में मिली असफलता

सर्जना यादव बताती हैं उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक किया है. इंजीनियरिंग करने के बाद वे ट्राई में रिसर्च ऑफिसर के तौर पर काम करने लग गई थी. इस दौरान इनको यहां इन्हें ठीक ठाक सैलरी मिलती थी ये बताती है इन्होंने नौकरी के साथ-साथ इस परीक्षा को दिया था लेकिन पहले दो प्रयास में उन्हें सफलता मिली थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करती रही. वहीं तीसरे प्रयास में इनको इस परीक्षा में सफलता मिल गई और वह आईएएस बन गई. यादव कहती हैं कि उन्होंने आखिरी प्रयास की तैयारी पूरी शिद्दत के साथ की थी. उनको कुछ समय के लिए नौकरी भी छोड़नी पड़ी थी.

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