हिमाचल के एक छोटे से गांव का लड़का पहले प्रयास में हासिल किया UPSC में सफलता,इस रणनीति से अनुराग बने IAS

 

हिमाचल के एक छोटे से गांव का लड़का पहले प्रयास में हासिल किया UPSC में सफलता,इस रणनीति से अनुराग बने IAS

हर साल लाखों अभ्यार्थी यूपीएससी की परीक्षा देते हैं.देश के कोने-कोने से लोग यूपीएससी की परीक्षा देने के लिए तैयारी करते हैं लेकिन इस में सफल रही हो पाते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और सही रणनीति अपनाते हैं. इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको सही रणनीति अपनाना बहुत जरूरी है. जब तक आपकी कड़ी मेहनत नहीं करेंगे और सही रणनीति नहीं अपनाएंगे आप यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास नहीं कर पाएंगे.

आज हम आपको बताने वाले हैं हरियाणा के कांगड़ा जिले की अनुराग चंद्र शर्मा की कहानी. चकोर गांव के अनुराग चंद्र शर्मा ने यूपीएससी में 11वां रैंक हासिल किया. जिस उम्र में बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना लेकर आगे बढ़ते हैं, उसी उम्र में अनुराग आईएएस अफसर बनने का सपना और जुनून लेकर आगे बढ़ने लगे.

अनुराग ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा दी और दोनों बार बार सफल हो गए. 2014 में अनुराग ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी और उनका 416वां रैंक हासिल किया और कस्टम सेंट्रल एक्साइज में जाने का मौका पाया. लेकिन वह हमेशा से आईएएस अफसर बनना चाहते थे और इसके जुनून से वो आगे बढ़ने लगे. 2015 में अनुराग फिर से यूपीएससी का एग्जाम दिए और इस बार उन्होंने ऑल इंडिया में 11वां रैंक हासिल किया.

अनुराग रामचंद्र शर्मा के पिता पुनिल चंद्र शर्मा ने भी के कमांडर थे जो अब रिटायर हो चुके हैं और उनकी मां एक हाउसवाइफ है. उनके दादा 90 साल के हैं और वह एक सेवानिवृत्त फौजी है.

आपको प्रेरणा कहां से मिली?

अनुराग जब सातवीं कक्षा में थे तब उनके पिता से उन्हें यूपीएससी के बारे में जानकारी मिली. उनके पिता ने भी में थे. तब से वह जोश और जुनून के साथ यूपीएससी की तैयारी के बारे में सोचने लगे.

कैसे हासिल की जा सकती है सफलता?

उन्होंने कहा कि सिर्फ किताबी ज्ञान से यूपीएससी में सफलता हासिल नहीं की जा सकती. यूपीएससी एग्जाम पास करने के लिए आपको किताबी ज्ञान के साथ-साथ करंट अफेयर्स पर भी फोकस करना होगा.

आप इसके लिए कितनी मेहनत करते थे?

उन्होंने कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने के लिए मैंने काफी मेहनत किया और रोज 10 से 12 घंटे पढ़ाई किया. इस परीक्षा की तैयारी के लिए आपको कहीं से शुरू करना पड़ता है और रोज धीरे-धीरे आगे बढ़ना पड़ता है. उनका कहना है कि कभी हार नहीं मानना चाहिए लगातार कोशिश करके ही आप सफल हो सकते हैं.

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