भारत में कॉर्पोरेट महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए कई महीनों का मातृत्व अवकाश मिलता है जबकि पुरुषों को आमतौर पर पितृत्व अवकाश के रूप में केवल कुछ दिनों का अवकाश ही मिलता है। ऐसे में जब एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करनेवाले एक व्यक्ति का पितृत्व अवकाश को बढ़ाने के लिए कंपनी तैयार नहीं थी, तो उसने अपने उच्च-वेतन वाली नौकरी को छोड़ दिया। एक पिता होने के नाते और अपनी पत्नी को एक नई माँ बनने में मदद करने के लिए उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया।
कंपनी छोड़नेवाले आदमी की कहानी को कुछ दिनों बाद ‘ह्यूमन ऑफ बॉम्बे’ नामक इंस्टाग्राम पेज पर शेयर की गई। अब यह स्टोरी वायरल हो गई है। सोशल मीडिया पर उनके फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया हो रही है। पोस्ट में उनके खूबसूरत परिवार की कुछ तस्वीरें भी शामिल हैं। अपनी बेटी के जन्म से कुछ दिन पहले, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर से स्नातक अंकित जोशी ने अपनी नई नौकरी छोड़ दी, जिसे उन्होंने कुछ महीने पहले सीनियर वाइस प्रेसीडेंट के रूप में शुरू किया था। उन्होंने जिनसे भी इस पर मशविरा किया उन सभी ने उनसे कहा कि यह बहुत मुश्किल होगा लेकिन उन्हें उनकी पत्नी आकांक्षा का साथ मिला।
अंकित ने कहा- मेरी बेटी के जन्म के कुछ दिन पहले, मैंने अपनी मोटी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी। मैं जानता हूं कि यह एक विचित्र फैसला था। लोगों ने कहा कि आप जानते हैं कि अब यह कितना मुश्किल होने वाला है? लेकिन मेरी पत्नी आकांक्षा मेरे साथ खड़ी रही और बस यही मायने रखता था। उन्होंने अपनी नवजात बेटी का नाम हिमाचल प्रदेश की घाटी के नाम पर स्पीति रखा है। उन्होंने कहा- हिमाचल में स्पीति घाटी की अपनी यात्रा के दौरान, आकांक्षा और मैंने अपनी भावी बेटी का नाम ‘स्पीति’ रखने का वादा किया था। हमारा सपना पिछले महीने सच हो गया जब हमने एक सुंदर बच्ची को जन्म दिया। हमारे दिल भरे हुए थे और हमारा जीवन पूरा हो गया।
लेकिन, अंकित सप्ताह भर के पितृत्व अवकाश से खुश नहीं थे जो उसकी कंपनी उसे दे रही थी और वह अपनी नवजात बेटी के साथ इस कीमती समय का सदुपयोग करना चाहते थे। उनके काम में मुख्य रूप से देश के विभिन्न शहरों में जाना शामिल है। उनको अपना यह काम बेहद पसंद था, लेकिन वह अपनी बेटी के जन्म के बाद एक लंबा ब्रेक चाहते थे। इसलिए, उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया और इसे “पितृत्व के लिए पदोन्नति” करार दिया।
अंकित ने कहा- जीवन तब से उसके बारे में है। जब तक वह सोती है तब तक उसे अपनी बाहों में झुलाना हो या फिर रात में जागकर उसकी लोरी गाना हो, मैं इन पलों को संजो रहा हूं। कभी-कभी, एक लोरी के बीच में, मैं उसे इतने ध्यान से देख रहा होता हूं, कि यह मेरे दिल को गर्म कर देता है। और इसी तरह एक महीना बीत गया। यह एक नींद रहित, रोमांचक, थका देने वाला और फिर भी एक आनंदमय महीना रहा है! मैं कुछ महीनों बाद नौकरी के लिए आवेदन करूंगा लेकिन तब तक, मैं इस समय का अधिकतम लाभ उठाने जा रहा हूं और अपनी बेटी के लिए वहां रहूंगा।