गाँव में रहकर चौथे प्रयास में बने IAS – जानें अंशुमान राज की सफलता की कहानी

Ias aspirants success story

अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो विषम परिस्थितियां भी आपके मार्ग में बाधक नहीं बन सकती है। आज हम चौथे प्रयास में आईएएस ऑफिसर बनें अंशुमान की सफलता की कहानी पर एक नजर डालेंगे। सीमित सुख सुविधाओं में रह कर भी व्यक्ति बड़े मुकाम हासिल कर सकता है इसका जीवित उदाहरण हैं बिहार के IAS अंशुमान राज हैं। अंशुमन की स्कूली पढ़ाई बक्सर के एक छोटे से गाँव से ही हुई और उन्होंने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई केरोसिन लैंप की रौशनी में की। उन्होंने इसी गाँव में रह कर ही UPSC की तैयारी की और चौथे प्रयास में सफलता हासिल की।

आइये जानते हैं कैसा रहा उनका यह सफर:

गाँव के सरकारी स्कूल से पूरी की स्कूली पढ़ाई

अंशुमन का जन्म और शुरुआती पढ़ाई-लिखाई बक्सर में उनके गाँव में ही हुई। उन्होंने जवोहर नवोदय स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की और बारहवीं के लिए जेएनवी रांची चले गए। एक साधारण परिवार और बैकग्राउंड से आने वाले अंशुमन के पास कभी बहुत सुविधाएं नहीं रहीं पर अपनी कड़ी मेहनत और माता-पिता के आशीर्वाद से उन्होंने हर चुनौती का सामना किया।

बिना किसी कोचिंग के करी UPSC की तैयारी

अंशुमन राज ने गांव में रहकर सेल्फ स्टडी से ही यूपीएससी क्रैक करने का फैसला किया। पहले प्रयास में उन्हें सफलता मिली और उन्हें IRS सेवा के लिए चुना गया। उन्होंने ज्वाइन तो किया परन्तु मन में IAS बनने का सपना तब भी रहा। इसलिए उन्होंने अगले वर्ष एक बार फिर परीक्षा देने का फैसला किया। हालांकि उन्हें एक के बाद एक दोनों प्रयास में असफलता हाथ लगी। लेकिन वह निराश नहीं हुए। हर बार की असफलता से सीख लेते हुए अपनी कमजोरियों को दूर करते गए और आखिर में चौथे प्रयास में मंजिल मिल ही गई। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2019 में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 107 हासिल की।

तैयारी के लिए ज़रूरी नहीं है कोचिंग और बड़े शहर में रहना

अपने अनुभव से अंशुमन बताते हैं कि अक्सर ये माना जाता है कि UPSC की तैयारी के लिए बड़े शहर में जा कर कोचिंग लेने से ही परीक्षा क्लियर हो सकती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। वह कहते हैं कि यदि आपके पास इंटरनेट सेवा है तो आप देश के किसी भी कोने में बैठ कर परीक्षा की तैयारी कर सकते है। वह बताते हैं कि उन्होंने अपने आखिरी तीन प्रयासों में तैयारी अपने गाँव में रह कर ही की थी। इसी के साथ उन्होंने किसी भी कोचिंग क्लास को ज्वाइन नहीं किया था।

UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए पेशेंस है ज़रूरी

अंशुमन कहते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के दौरान पेशेंस रखना बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार सफलता मिलने में बहुत समय लग जाता है। कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास भी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही अपनी कमियों को स्वीकराने के लिए हमेशा तैयार रहें और उनमें समय रहते सुधार करें। प्रैक्टिस इस एग्जाम के लिए बहुत जरूरी है इसलिए जमकर अभ्यास करना न भूलें। अपनी एग्जाम स्ट्रेटजी अपनी कमजोरी और ताकत के अनुसार बनाएं और लोगों से लगातार फीडबैक लेते रहें। मेहनत करें पर रिजल्ट को लेकर बहुत परेशान न हों। जब प्रयास सही दिशा में होते हैं तो सफलता भी जरूर मिलती है।

अंशुमन कहते हैं कि यह परीक्षा केवल आत्मविश्वास, धैर्य और कड़ी मेहनत से ही क्लियर किया जा सकता है। इसलिए खुद पर और अपनी तैयारी पर विश्वास रखें और निरंतर प्रयास करते रहे। सफलता मिलने में भले ही देर हो लेकिन मेहनत कभी ज़ाया नहीं जाती है।

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