देश की सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की बात करें, तो वो है- आईआईटी जेईई। जिसमें सीटें तो कुछ हजार ही होती हैं, लेकिन छात्रों की संख्या लाखों में। इस वजह से छात्रों का सपना इस एग्जाम में किसी तरह से पास होने का रहता है, लेकिन आज हम आपको ऐसे छात्र के बारे में बताने जा रहे, जिसने जेईई मुख्य परीक्षा में 300 में 300 नंबर पाकर इतिहास रच दिया, इसके बाद भी वो दोबारा परीक्षा देने जा रहे हैं।
इस साल जेईई मुख्य परीक्षा में राजस्थान के नव्य हिसारिया ने टॉप किया। जैसे ही खबर आई कि उन्होंने 300 में से 300 नंबर पाए हैं, वैसे ही उनको बधाई मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। अभी उनकी उम्र भी महज 17 साल ही है, ऐसे में वो आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस से बीटेक करना चाहते हैं, लेकिन वो अपने परिणाम से खुश नहीं हैं, जिस वजह से वो दोबारा से ये एग्जाम देना चाहते हैं।
ये है वजह
एक इंटरव्यू में नव्य ने कहा कि उन्होंने इस साल के जेईई मेन्स एग्जाम में 100 पर्सेंटाइल हासिल किया है। इसके बावजूद वो दोबारा से एंट्रेस एग्जाम देने जा रहे हैं। जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम जब वो दे रहे थे, तो उनको पता चला कि कम वक्त में कैसे सभी प्रश्नों को हल करना है। ऐसे में वो टाइम मैनेजमेंट सीख गए हैं। अब वो इसकी प्रैक्टिस करना चाहते हैं, इस वजह से उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का मन बनाया है।
ज्यादा नंबर वाले सेशन का मार्क होगा मान्य
वहीं जेईई मेन्स के दो सेशन होते हैं। छात्र जिसमें ज्यादा नंबर पाते हैं, उसको ही शामिल किया जाता है। नव्य के मुताबिक दोनों सेशन में हिस्सा लेने से उनके टाइम मैनेजमेंट में सुधार होगा। वो पहले सेशन में 300 में से 300 नंबर पा चुके हैं, ऐसे में उनके पास गंवाने के लिए कुछ भी नहीं है। अगर उनके नंबर दूसरे सेशन में कम भी हो जाते हैं, तो भी उनके 300 नंबर ही माने जाएंगे।
10वीं पास करते ही तैयारी शुरू
उन्होंने इस मुकाम को हासिल करने के लिए क्या-क्या तैयारियां कीं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि शुरू से ही उनका लक्ष्य आईआईटी में पढ़ाई करने का था। इस वजह से उन्होंने जब 2020 में 10वीं पास की, तो उसके बाद से ही उन्होंने तैयारी शुरू कर दी। इस वजह से उन्होंने टॉप किया। फिलहाल वो IIT बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस कोर्स में एडमिशन लेंगे।